इन्फोसिस के वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे कुछ इस तरह रहे। कंपनी ने इस दौरान 6,921 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध मुनाफा हासिल किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 6,368 करोड़ रुपये था। यह करीब 8.7% की बढ़ोतरी बताता है, यानी कि मुनाफे में अच्छा खासा विस्तार हुआ है।
अगर बात करें परिचालन आय की, तो यह 42,279 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में 7.5% ज्यादा है। स्थिर मुद्रा के संदर्भ में देखें तो राजस्व में सालाना आधार पर 3.8% और पिछले तीन महीनों के मुकाबले 2.6% की बढ़ोतरी हुई है। अब ये स्थिर मुद्रा वाली बात थोड़ी कम ध्यान में आती है, लेकिन फिर भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे असली विकास की तस्वीर मिलती है।
सकल मुनाफे में भी वृद्धि हुई है — रिपोर्टिंग अवधि में यह 13,055 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 12,138 करोड़ के मुकाबले बढ़ा है। हां, ऑपरेटिंग मार्जिन में मामूली गिरावट देखी गई है। अप्रैल-जून तिमाही में यह 20.8% रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में थोड़ा कम है — लगभग 0.3% घटा है। कंपनी का मानना है कि वित्त वर्ष 26 के बाकी हिस्सों में यह 20% से 22% के बीच बना रहेगा।
देखा जाए तो इन्फोसिस ने अपनी राजस्व वृद्धि की उम्मीदों को भी थोड़ा ऊपर कर दिया है। पहले उन्होंने 0-3% के बीच रहने की बात कही थी, जिसे अब 1-3% तक बढ़ा दिया गया है, और यह सलाह स्थिर मुद्रा पर आधारित है।
सेगमेंट के लिहाज से देखा जाए तो वित्तीय सेवा क्षेत्र में 5.6% की अच्छी वृद्धि दर्ज हुई है। विनिर्माण क्षेत्र में तो यह आंकड़ा और भी बेहतर रहा, करीब 12.2% तक। वहीं रिटेल और हाई-टेक क्षेत्रों में बढ़ोतरी कम रही — रिटेल में सिर्फ 0.4% और हाई-टेक में 1.7% की मामूली बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ, जीवन विज्ञान और कुछ अन्य क्षेत्रों में क्रमशः 7.9% और 15.3% की गिरावट नजर आई है।
कर्मचारियों की बात करें तो जून तिमाही के अंत तक कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 3,23,788 रही, जो पिछले तिमाही के मुकाबले ज़्यादा बदलाव नहीं दिखाती। स्वैच्छिक कर्मचारी निकास की दर 14.1% से बढ़कर 14.4% हो गई, जो थोड़ी-बहुत खास बात नहीं है लेकिन ध्यान देने योग्य है।
पैसे की बात करें तो कंपनी ने Q1 में 884 मिलियन डॉलर का मजबूत मुक्त नकदी प्रवाह बनाया, जो कि उनके शुद्ध मुनाफे से भी थोड़ा ऊपर है। यह दर्शाता है कि कंपनी अपनी कमाई को अच्छे से नकदी में बदल पा रही है।
अंत में, इन्फोसिस ने 3.8 बिलियन डॉलर के बड़े सौदे हासिल किए, जिनमें से 55% नए ग्राहक रहे। यह उनकी बाजार में मजबूत स्थिति का संकेत देता है।
इन सब जानकारियों को कंपनी की आधिकारिक फाइलिंग और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स से इकट्ठा किया गया है। कुल मिलाकर, पहली तिमाही के नतीजे इन्फोसिस के लिए सकारात्मक रहे, लेकिन कुछ छोटे-छोटे झटके भी नजर आए। देखना होगा कि आगे ये ट्रेंड कैसे बना रहता है।
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