Operation Mahadev:भारत की ताक़त का अद्भुत परिचय

ऑपरेन महादेव: भारत की ताक़त का अद्भुत परिचय

ऑपरेशन महादेव में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया. यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के जवाब में शुरू हुआ था जिसमें 26 हिंदुओं का नरसंहार हुआ था। पहलगाम हमला जिसे लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने अंजाम दिया था. बाइसारन घाटी में हुआ था, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है. इस हमले ने कश्मीर में पर्यटन और शांति की बहाली के प्रयासों को झटका दिया।

भारत की सुरक्षा एजेंसियां जब कोई मिशन अंजाम देती हैं, तो वह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं होता, बल्कि उसमें जुड़ी होती है करोड़ों देशवासियों की उम्मीदें और जवानों की जान की बाज़ी। "ऑपरेशन महादेव" भी ऐसा ही एक मिशन है, जिसने न सिर्फ भारत की खुफिया क्षमता को दुनिया के सामने साबित किया, बल्कि आतंकवादियों की रीढ़ हिला कर रख दी।

क्या है ऑपरेशन महादेव?

इस ऑपरेशन का नाम "महादेव" शिवजी के नाम पर रखा गया — जो विनाश और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं। यह नाम अपने आप में दर्शाता है कि मिशन का उद्देश्य आतंक के केंद्रों का "विनाश" और निर्दोषों के लिए "न्याय" सुनिश्चित करना था।

कैसे हुआ अंजाम?

इस ऑपरेशन को महीनों की तैयारी के बाद अंजाम दिया गया। खुफिया एजेंसियों ने अत्याधुनिक तकनीक, सैटेलाइट मॉनिटरिंग और ज़मीन पर मौजूद एजेंट्स की मदद से आतंकियों की हर हरकत पर नज़र रखी। फिर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डचिगम नेशनल पार्क के पास हरवान क्षेत्र में सोमवार को ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। 

देशवासियों के लिए क्या मायने रखता है ये ऑपरेशन?

ऑपरेशन महादेव सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था। यह एक सन्देश था उन ताकतों के लिए जो भारत की शांति और संप्रभुता को चुनौती देना चाहते हैं। भारत अब वो देश नहीं रहा जो सिर्फ सहन करता है। अब भारत मुंहतोड़ जवाब देने में यकीन रखता है — चुपचाप, सटीक और प्रभावी ढंग से। ऑपरेशन महादेव इस बात का प्रमाण है कि जब भारत अपने लोगों की रक्षा के लिए कमर कसता है, तो कोई भी ताकत उसका सामना नहीं कर सकती।

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