ज्योतिषियों का कहना है कि सावन का महीना शिव जी को बहुत प्यारा है। इस महीने में हर दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा होती है। साथ ही, सावन के महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी विष्णु जी को समर्पित होती है। इस मौके पर भक्त एकादशी का व्रत रखते हैं और लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं।
सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी के अगले दिन पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की श्रद्धा से पूजा की जाती है। लोग एकादशी का व्रत भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से जिन दंपतियों को संतान नहीं है, उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है। साथ ही, घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। लेकिन, पुत्रदा एकादशी की तारीख को लेकर लोगों में थोड़ा कंफ्यूजन है। तो चलिए, पुत्रदा एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त जानते हैं:
पुत्रदा एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के हिसाब से, सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 4 अगस्त को सुबह 11:41 पर शुरू हो रही है। और 5 अगस्त को दोपहर 01:12 पर शुक्ल पक्ष की एकादशी खत्म हो जाएगी। इसके बाद द्वादशी शुरू हो जाएगी। सनातन धर्म में उदया तिथि को माना जाता है।
जानकारों की मानें तो तिथि की गिनती सूर्योदय से होती है। इसलिए, रात में होने वाली पूजा को छोड़कर बाकी त्योहार अगले दिन मनाए जाते हैं। कृष्ण और शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर एकादशी व्रत तोड़ा जाता है। इसलिए एकादशी की तिथि को लेकर लोगों को कंफ्यूजन रहता है।
पुत्रदा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
सावन महीने की पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन दोपहर 01:12 पर शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जिसके बाद द्वादशी तिथि है। इसलिए, 5 अगस्त को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। और 6 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का व्रत तोड़ा जाएगा।
पुत्रदा एकादशी पारण का समय
पुत्रदा एकादशी का पारण 6 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन भक्त सुबह 05:18 से लेकर 07:57 के बीच व्रत तोड़ सकते हैं। एकादशी व्रत का पारण अनाज दान करने के बाद किया जाता है। इसके लिए द्वादशी तिथि पर नहाने के बाद लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति से पूजा करें। और पूजा के बाद अनाज का दान करके व्रत खोलें।
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