बाजार अवलोकन
7 अगस्त 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने लगातार दूसरे दिन कमजोरी दिखाई, जिसमें निफ्टी 50 इंडेक्स 21.95 अंक (+0.09%) बढ़कर 24,596.15 पर बंद हुआ। सेंसेक्स भी 79.27 अंक (+0.10%) बढ़कर 80,623.26 पर बंद हुआ। बाजार में पहले गिरावट हुयी, फिर रिकवरी हो कर बंद हुआ। मुख्य रूप से यू.एस(US) द्वारा भारतीय निर्यात पर टैरिफ दोगुना करने और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखने के फैसले के कारण देखी गई।
प्रमुख कारक
यू.एस. टैरिफ का प्रभाव: यू.एस. ने भारतीय निर्यात पर टैरिफ को 50% तक बढ़ा दिया, जिसका असर टेक्सटाइल, रत्न, जूते और तेल रिफाइनिंग जैसे क्षेत्रों पर पड़ सकता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यदि यह टैरिफ एक साल तक जारी रहा, तो भारत के जीडीपी पर 30-40 आधार अंकों का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
RBI का नीतिगत रुख: RBI ने ब्याज दरों को स्थिर रखा और अपनी नीति को 'न्यूट्रल' बनाए रखा, जिसके कारण निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी। यह निर्णय बाजार की उम्मीदों के अनुरूप था, लेकिन रेट-सेंसिटिव स्टॉक्स जैसे बैंकिंग और रियल एस्टेट पर दबाव देखा गया।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) जुलाई में 2 बिलियन डॉलर और अगस्त में अब तक 900 मिलियन डॉलर की बिकवाली कर चुके हैं, जो बाजार में सतर्कता को दर्शाता है। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) ने 6,794.28 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जबकि FII ने 4,999.10 करोड़ रुपये की बिकवाली की।
तकनीकी विश्लेषण
दैनिक चार्ट: निफ्टी 50 50-दिवसीय EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से नीचे कारोबार कर रहा है, जो अल्पकालिक कमजोरी का संकेत है। इंडेक्स वर्तमान में 24,350-24,850 की रेंज में है। इस रेंज से बाहर निकलने पर ही अगली दिशा स्पष्ट होगी।
महत्वपूर्ण स्तर:
समर्थन (Support): 24,350 के नीचे टूटने पर बाजार में और अधिक बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है, जिससे इंडेक्स 24,200 तक गिर सकता है।
प्रतिरोध (Resistance): 24,600 के ऊपर एक इंट्राडे ब्रेकआउट तेजी का संकेत दे सकता है, जिससे इंडेक्स 24,900-25,000 की ओर बढ़ सकता है।
चार्ट पैटर्न: निफ्टी 4-घंटे के चार्ट पर एक डिसेंडिंग चैनल में कारोबार कर रहा है। यदि यह 25,600 के ऊपर टिकता है, तो 26,000 की ओर गति बढ़ सकती है, जबकि 24,350 से नीचे टूटने पर और अधिक गिरावट संभव है।
कॉरपोरेट आय
निफ्टी 50 कंपनियों ने Q1 FY2026 में केवल 7.5% की वृद्धि दर्ज की, जो 6.5% की अनुमानित GDP वृद्धि की तुलना में कमजोर प्रदर्शन दर्शाता है। कमजोर आय ने निवेशकों का विश्वास और कम किया, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा।
निवेशकों के लिए सलाह
बाय-ऑन-डिप रणनीति: बाजार वर्तमान में आकर्षक मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है, जिससे लंबी अवधि के लिए गुणवत्तापूर्ण निवेश के अवसर बन रहे हैं। 24,350 के समर्थन स्तर के पास खरीदारी पर विचार किया जा सकता है, बशर्ते संस्थागत प्रवाह सहायक रहे।
क्षेत्रीय चयन: बैंकिंग और FMCG जैसे क्षेत्र मध्यम लाभ के लिए बेहतर स्थिति में हैं, जबकि IT और फार्मा में अल्पकालिक कमजोरी दिखाई दे सकती है।
जोखिम प्रबंधन: वैश्विक और घरेलू अनिश्चितताओं को देखते हुए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाली कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए।
भविष्य का दृष्टिकोण
निफ्टी 50 में अल्पकालिक समेकन की उम्मीद है, जिसमें 24,350-24,850 की रेंज में उतार-चढ़ाव संभव है। RBI की मौद्रिक नीति, कॉरपोरेट आय, और वैश्विक संकेत जैसे यू.एस. फेडरल रिजर्व के दर निर्णय और भू-राजनीतिक तनाव बाजार की दिशा तय करेंगे। यदि निफ्टी 24,600 के ऊपर ब्रेकआउट करता है, तो यह 25,000-25,100 की ओर बढ़ सकता है। इसके विपरीत, 24,350 से नीचे टूटने पर 24,200 -24,000 का स्तर महत्वपूर्ण समर्थन होगा।
स्पस्टीकरण: यह विश्लेषण केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और जोखिमों को समझें।
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