उत्तराखंड(Uttarakhand) के निचले और मध्य पहाड़ी इलाकों में और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई और आसपास के मैदानी इलाकों में अगले दो दिनों में भारी बारिश होने की आशंका है। पिछले 24 घंटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में खूब बारिश हुई है। नजीबाबाद में 24 घंटों में 223 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुरादाबाद में लगातार दूसरे दिन 24 घंटों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। बरेली, खीरी और शाहजहांपुर में इस दौरान 68 मिमी, 96 मिमी और 150 मिमी बारिश दर्ज की गई। जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नीचे की नदियों में जल स्तर काफी बढ़ गया है।
उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। 'ब्रेक मानसून' की स्थिति के कारण, मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर इन दो उप-मंडलों के तराई इलाकों में खिसक गया है। पहाड़ों से गुजरने वाला पश्चिमी विक्षोभ इन दोनों स्थितियों को और मजबूत करेगा। अगले 48 घंटों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की आशंका है, और खासकर अगले 24 घंटे बहुत नाजुक हो सकते हैं।
जो स्थान खतरे में हैं, उनमें रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के तराई और मैदानी इलाके भी संवेदनशील होंगे और इसमें बरेली, पीलीभीत, खीरी, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, रामपुर, बदायूं और आसपास के स्टेशन शामिल होंगे। उत्तराखंड और तराई इलाकों में हर स्थिति से निपटने के लिए काफी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। अगले 24 घंटों तक मौसम बहुत खराब रहेगा, लेकिन इस तरह के इलाकों में मौसम थोड़ा ठीक होने के बाद भी जल स्रोत पर असर पड़ता रहता है। बहुत कम समय में किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की ज़रूरत है।
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