Krishna Janmashtami 2025: खत्म हुआ इंतजार, रात 12 बजे जन्माष्टमी खूब धूमधाम से मनाई गई!

मथुरा में तो कान्हा जी के जन्मस्थान पर 1008 कमल के फूलों से उनकी पूजा की गई, और 5 क्विंटल पंचामृत से अभिषेक हुआ।

17 अगस्त को पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम रही। मथुरा में तो श्री कृष्ण जन्मस्थान पर कान्हा का 1008 कमल के फूलों से अर्चन हुआ। 11 बजकर 55 मिनट पर मंदिर के कपाट बस 5 मिनट के लिए बंद हुए, और फिर 12 बजकर 5 मिनट पर भगवान कृष्ण की मूर्ति को गर्भ गृह से बाहर लाया गया।

सोने से सजी चांदी की कामधेनु गाय के दूध से भगवान का अभिषेक हुआ। फिर भगवान को चांदी के कमल पर बिठाकर 5 क्विंटल पंचामृत से स्नान करवाया गया। वृंदावन में भी जन्माष्टमी की धूम थी। जन्मस्थान के बाहर तो भारी भीड़ जमा थी। पूरे देश से लोग आए हुए थे। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से, उस समय मथुरा-वृंदावन में 30 लाख से ज़्यादा लोग मौजूद थे।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठाकुर जी को पहनाने वाली पोशाक को मथुरा के कारीगरों ने 6 महीने में तैयार किया था। इसमें सोना-चांदी भी लगा है, और कपड़े में इंद्रधनुष के सातों रंग हैं। खूब ढोल-नगाड़े बजे और पंचामृत से भगवान कृष्ण का अभिषेक हुआ। जय कन्हैया लाल की के नारों से पूरा मंदिर गूंज उठा। मध्य प्रदेश से आए कलाकारों ने खूब डमरू और मृदंग बजाए। रात 12 बजे कान्हा अपने जन्मस्थान में प्रकट हुए। उससे पहले कान्हा का 1008 कमल के फूलों से सहस्त्रार्चन हुआ। साथ ही, 10 लीटर गुलाब जल और 1000 किलो गुलाब के फूलों की बारिश भी की गई।

रात 12 बजे कान्हा के जन्म के बाद उनकी मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाया गया, और फिर कामधेनु गाय से उनका अभिषेक हुआ। इसके बाद, 5 क्विंटल पंचामृत से कान्हा का अभिषेक किया गया। उस वक़्त पूरा जन्मस्थान कान्हा के नाम से गूंज रहा था। आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। सीएम योगी ने मथुरा जन्मभूमि में पूजा की। जन्माष्टमी की शुरुआत सुबह 5 बजे की मंगला आरती से हुई थी। जन्मभूमि के मौके पर कृष्ण जन्मस्थान को जेल की तरह सजाया गया। सीएम योगी भी वहां पहुंचे और पूजा-अर्चना की। वहीं, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने गोवर्धन में पूजा की।

योगी आदित्यनाथ 8 साल में 38 बार मथुरा गए हैं, जिससे साफ़ पता चलता है कि कृष्ण नगरी उनके लिए कितनी खास है। जैसे काशी और अयोध्या का विकास हो रहा है, वैसे ही मथुरा का भी हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने ये बात फिर से साबित कर दी है कि उनकी सरकार धार्मिक जगहों को कितना मानती है। 

योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में धार्मिक नगरीय विकास की दिशा में जो बदलाव हुए हैं, वो सबने देखे हैं। उन्होंने अब तक काशी के 160, अयोध्या के 85 और मथुरा के 38 दौरे किए हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं, बल्कि विकास की योजनाओं पर भी ध्यान दिया है। काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के बनने के बाद अब मथुरा को भी चमकाने पर सरकार का ध्यान है। सीएम योगी का मानना है कि भारत की तीन धार्मिक नगरी काशी, अयोध्या और मथुरा सिर्फ़ संस्कृति के लिए ज़रूरी नहीं हैं, बल्कि ये आर्थिक और सामाजिक तरक्की के लिए भी ज़रूरी हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ